IIT Bombe से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने वाले अभय सिंह ग्रेवाल, जिन्हें आज महाकुंभ 2025 में IIT baba के नाम से जाना जाता है, ने एक असाधारण जीवन यात्रा तय की है। हरियाणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव सासरौली से निकलकर आईआईटी, कनाडा, और फिर वैराग्य का जीवन अपनाने तक का उनका सफर प्रेरणादायक और अद्वितीय है। उनकी प्रेम कहानी, संघर्ष, और जीवन का नया अध्याय कई लोगों के लिए प्रेरणा है।
IIT BABA KI प्रारंभिक जीवन
अभय सिंह ग्रेवाल का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव में हुआ। उन्होंने डीएच लॉरेंस स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जहां वे टॉपर रहे। अभय ने 731वीं रैंक के साथ आईआईटी बॉम्बे में प्रवेश लिया और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की।
IIT BABA करियर की शुरुआत
अभय सिंह ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कनाडा में एक प्रतिष्ठित कंपनी में लाखों के पैकेज पर नौकरी की। कनाडा में दो साल तक काम करने के बाद, कोविड-19 महामारी के दौरान वे भारत लौट आए।
IIT BABA प्रेम कहानी
अभय सिंह ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में अपनी प्रेम कहानी का खुलासा किया।
- उन्होंने बताया कि वे चार साल तक एक लड़की के साथ रिलेशनशिप में रहे।
- लेकिन शादी करने का विचार उनके मन में कभी स्पष्ट नहीं हो पाया।
- ट्रॉमा और आत्मिक उथल-पुथल के कारण उन्होंने अपनी प्रेमिका से ईमानदारी से अपनी भावनाएं साझा कीं।
- उनकी प्रेमिका ने बाद में किसी और से शादी कर ली।
वैराग्य की राह
2021 में अभय सिंह ने अपने जीवन को पूरी तरह बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने सांसारिक जीवन को छोड़कर वैराग्य अपनाया। अब वह महाकुंभ 2025 में अपने डेरों के साथ अपने नए जीवन की छवि प्रस्तुत कर रहे हैं।
परिवार
अभय सिंह के पिता, कर्ण सिंह, पेशे से वकील हैं। उनकी बहन कनाडा में अपने परिवार के साथ रहती हैं। अभय के पिता ने बताया कि वे बचपन से ही पढ़ाई में बहुत मेधावी थे।
IIT BABA की जीवन यात्रा का सारांश (तालिका)
विवरण | जानकारी |
---|---|
पूरा नाम | अभय सिंह ग्रेवाल |
उपनाम | IIT BABA |
जन्म स्थान | सासरौली गांव, झज्जर, हरियाणा |
शिक्षा | एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, आईआईटी बॉम्बे |
आईआईटी रैंक | 731 |
करियर | कनाडा में लाखों के पैकेज पर नौकरी |
प्रेम कहानी | 4 साल का रिलेशनशिप, पर शादी नहीं हुई |
वैराग्य जीवन अपनाया | 2021 |
परिवार | पिता: कर्ण सिंह, बहन: कनाडा में सेटल |
मौजूदा स्थान | महाकुंभ 2025, प्रयागराज |
निष्कर्ष
IIT BABA अभय सिंह का जीवन इस बात का उदाहरण है कि कैसे व्यक्ति अपने जीवन में आत्मिक शांति और संतोष के लिए बड़े से बड़ा निर्णय ले सकता है। उनकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो सांसारिक जीवन से ऊपर उठकर आत्मिक शांति प्राप्त करना चाहते हैं।
अगर यह कहानी आपको प्रेरित करती है, तो इसे दूसरों के साथ साझा करें।
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